विश्व भर में फैली महामारी कोरोनावायरस की वजह से लगभग हर एक देश में लॉक डाउन हुआ है। लॉक डॉउन के इस दौर में देश की जनता के लिए टीवी और मोबाइल ही एक सहारा है। कुछ दिनों पहले डीडी नेशनल पर रामायण को प्रसारित किया गया था। दर्शकों ने रामायण को देखने में काफी दिलचस्पी दिखाई थी और इसे विश्व का सबसे ज़्यादा देखे जाने वाला शो बना दिया है। इसकी टीआरपी को देखकर विदेशी मीडिया पगला गया है।
रामायण से जुड़ा आपको एक दिलचस्प किस्सा बताते हैं। रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर ने खुलासा किया है कि बीबीसी यानी ब्रिटिश ब्रॉडकास्ट कारपोरेशन धार्मिक शो रामायण के राइट्स खरीद कर श्रीराम की पवित्रता को तार-तार करना चाहता था। लेकिन वह ऐसा करने में असफल रहा।
#RamanandSagar's son Prem Sagar reveals why they didn't allow #BBC to telecast Ramayan. He says the West has not been able to understand the virtue of #Ramayan yet. https://t.co/cZkC3xdtpy
— India.com (@indiacom) May 18, 2020
रामानंद सागर के बेटे प्रेमसागर बताते हैं कि बीबीसी पूरे एशिया में रामायण के प्रसारण के लिए राइट्स खरीदना चाहता था। प्रेम सागर आगे बताते हैं कि वह अपने पिता रामानंद सागर अरुण गोविल और अरविंद त्रिवेदी के साथ बीबीसी के स्टूडियो में गए वहां उन्हें कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर करने के लिए बुलाया गया था। और बीबीसी वाले चाहते थे कि भगवान श्री राम जानी श्री राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल बीबीसी के स्टूडियो में गोला गोला घूमे ताकि वह उस देश को रिकॉर्ड कर भगवान श्री राम की छवि को धूमिल कर सकें । प्रेमसागर आगे कहते हैं कि “मुझे और मेरे पिता को उसी समय समझ आ गया कि ये एक बड़ी साज़िश है। इसके तहत उन्होंने भगवान राम की पवित्र और दिव्य छवि को बदनाम करने की योजना बनाई थी। वही भगवान राम, जिन्हें भारत के कण-कण में पूजा जाता है।”
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रामानंद सागर समझ गए थे कि यह विदेशी मीडिया बीबीसी हमारे संस्कृत को नष्ट करना चाहता है और हमारे आराध्य प्रभु श्री राम की छवि को धूमिल करना चाहता है। और इसके बाद रामानंद सागर ने बीबीसी को रामायण के राइट्स देने से इनकार कर दिया था और भारतीय संस्कृत को तार-तार होने से बचा लिया था।