पालघर मामले पर खबर दिखाने पर रिपब्लिक भारत मीडिया नेटवर्क के पत्रकार अर्नब गोस्वामी पर हुए FIR को कोर्ट ने खारिज किया। और कहा कि इसमें कोई कंम्युनल पत्रकारिता नहीं हुई थी।
आपको बता दें, कि पालघर में दो साधुओं की हत्या के बाद रिपब्लिक भारत चैनल के पत्रकार अर्नब गोस्वामी ने अपने एक शो में कांग्रेस सरकार से सवाल पूछा जिस पर कांग्रेसी भड़क गए और इसे सांप्रदयिकता
का नाम दे दिया।अर्नब गोस्वामी पर FIR तक दर्ज करवा दी।
इसी मामले के चलते पुलिस ने अर्नब को पूछताछ के लिए महाराष्ट्र भी बुलाया। लेकिन आज कोर्ट ने सुनवाई के दौरान अर्नब गोस्वामी पर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद और झूठा बताया और मामला खारिज कर दिया।
अर्नब ने साधुओं की हत्या पर सवाल किये इसीलिए कांग्रेस और सोनिया गांधी इतना बौखला गए और इसे सांप्रदायिक मामला कहकर सवालों से बच गए। किसी मौलाना की हत्या होती तब तो शायद पत्रकारों से पहले कांग्रेस खुद केंद्र सरकार से उल्टा सवाल पूछने के लिए उतर आती।
लेकिन आज के कोर्ट के फैसले से सोनिया गांधी को समझ आ गया होगा की उनके सत्ता से चले जाने के बाद लोकतंत्र नहीं खत्म हुआ है। देश का कोई भी नागरिक या पत्रकार उनसे किसी भी तरह का सवाल पूछ सकता है। और कांग्रेस पार्टी और उसके हर एक नेता को ये ज़रूर सीख लेना चाहिए की लोगों के सवालों का जवाब देना ज़रूरी होता है ना की उल्टा पत्रकारों और जनता पर FIR दर्ज कराई जाती है। खैर कुत्ते की दुम कभी सीधी हुई है जो आज होगी।
