दिल्ली के रहने वाले सन्यासी सुधीर कुमार उसमें गोल्डन बाबा का एम्स में इलाज के दौरान निधन हो गया है। गोल्डन बाबा सांस की बीमारी से पीड़ित है उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उनका इलाज एम्स में चल रहा था। गोल्डन बाबा कई अखाड़ों से जुड़े थे यहां तक कि उनके खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे भी दर्ज थे।
सुधीर कुमार मक्कड़ उर्फ गोल्डन बाबा को 1972 से ही सोना पहनना पसंद था। बताया जाता है कि वह सोने को अपना ईष्ट देवता मानते थे। बाबा हमेशा कई किलो सोना पहने रहते हैं। बाबा की दसों उंगलियों में सोने की अंगूठी, बाजुबंद, सोना का लॉकेट है। बाबा की सुरक्षा में हमेशा 25-30 गार्ड तैनात रहते थे। गोल्डन बाबा का अंतिम संस्कार पूर्वी दिल्ली के गीता कॉलोनी श्मशान घाट पर थोड़ी देर में किया जाएगा। उनका पार्थिव शरीर श्मशान घाट पर पहुंच गया है। इस मौके पर उनके चाहने वाले कई लोग श्मशान घाट पर पहुंच गए हैं।
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दिल्ली के गांधीनगर इलाके में रहने वाले लोगों के मुताबिक, गोल्डन बाबा पेशे से दर्जी थे। गांधीनगर में उनका कपड़ों का कारोबार था। लेकिन उनको कपड़ों का कारोबार उतना रास नहीं आया। इसके बाद सुधीर कुमार मक्कड़ इस काम को छोड़कर हरिद्वार चले गए और हर की पौड़ी में फूलमाला और कपड़े बेचना शुरू किया। लेकिन कुछ ही दिन में उन्होंने इस काम को भी छोड़ दिया। इसके बाद वो प्रॉपर्टी कारोबार में उतर गए। इस कारोबार काफी पैसा कमाने के बाद उन्होंने साल 2013-14 में यह काम बंद कर दिया। इसके बाद सुधीर कुमार मक्कड़ ने दिल्ली स्थित गांधीनगर की अशोक गली में अपना आश्रम बना लिया। कहा जाता है कि साल 2013 में वे सुधीर मक्कड़ से गोल्डेन बाबा हो गए।