प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जेएनयू में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल होंगे। पीएम मोदी ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी भी दी है। विवेकानंद की प्रतिमा का निर्माण तीन साल पहले शुरू हुआ था। 2018 में काम पूरा हो गया था और तब से मूर्ति ढकी रखी है और अब प्रधानमंत्री मोदी इस मूर्ति का अनावरण करने जा रहे हैं।
पीएम मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने से पहले ही जेएनयू कैंपस में विरोध शुरू हो गया है। JNU की स्टूडेंट यूनियन ने पीएम मोदी के विरोध में पोस्टर जारी किया है जिस पर लिखा है – मोदी सरकार छात्र विरोधी। सवाल ये है कि इस पोस्टर के पीछे मास्टरमाइंड कौन है, वो कौन सी सियासत है जो देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ ‘गो बैक’ के नारे लगाता है। JNU के ‘टुकड़े टुकड़े गैंग’ की इस खतरनाक नीति को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।JNU के पूर्व छात्रों ने 11.5 फीट ऊंची स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा को लगाने का काम 2005 में शुरू किया था। इस प्रतिमा को स्थापित करने के लिए 3 फीट ऊंचा चबूतरा भी बनाया गया है। इसका मतलब ये कि इस प्रतिमा की ऊंचाई पंडित नेहरू की मूर्ति से लगभग तीन फुट ऊंची हो गई है।
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साल 2014 में कुलपति एम. जगदीश कुमार की नियुक्ति के बाद कुछ छात्रों ने कुलपति से मुलाकात कर स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा स्थापित करने की मांग की और 3 साल बाद 2017 में इस प्रस्ताव को मान लिया गया। फिर जाकर 2017 में प्रतिमा बनाने का काम शुरू हुआ और 2019 तक ये प्रतिमा बनकर तैयार हो गई। लेकिन भारी विरोध के चलते इसके अनावरण में एक साल लग गया और अब जाकर इस प्रतिमा को सम्मान के साथ JNU में लगाया जा रहा है।छात्रों को उठो जागो और लक्ष्य प्राप्ति तक मत रुको को मंत्र देने वाले विवेकानंद ने कभी ये नहीं सोचा होगा कि एक ऐसी सुबह भी आएगी जब उनके महान देश में उनको इस तरह अपमानित किया जाएगा लेकिन आज की शाम स्वामी विवेकानंद के सम्मान को समर्पित होगी।