‘लव जिहाद’ के इस्लामिक साज़िश के तहत हिंदू लड़कियों को रिश्तों में बहकाने के लिए हिंदू होने का नाटक करने वाले मुस्लिम पुरुषों के बढ़ते खतरे को रोकने के लिए एक कानून लाने के लिए प्रतिबद्ध, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज हुई बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार कैबिनेट ने जबरन धर्मांतरण के खिलाफ अध्यादेश को मंजूरी दे दी। काफी समय से इसके खिलाफ योगी सरकार कानून लाने की बात कह रही थी।
गैरकानूनी धर्मांतरण बिल जिसे विधी विरुध धर्मरतन 2020 नाम दिया गया है, में ऐसे प्रावधान हैं जो अपराधियों को 1 से 5 साल तक जेल में डाल सकते हैं और 15,000 रुपये का जुर्माना भी लगा सकते हैं। इस बिल में सामूहिक धर्मांतरण के लिए 10 साल की जेल का प्रावधान है।
इससे पहले, उत्तर प्रदेश सरकार के गृह विभाग ने राज्य के विधि विभाग के लिए एक प्रस्ताव भेजा था। “लव जिहाद के खिलाफ एक सख्त कानून जल्द ही राज्य में लाया जाएगा। गृह विभाग ने कानून विभाग को एक प्रस्ताव भेजा है”, गृह विभाग द्वारा 20 नवंबर (शुक्रवार) को जारी एक बयान में कहा गया।
The ordinance provides for jail term of 1-5 years with Rs 15,000 penalty for forceful religious conversion. For conversions of minors & women of SC/ST community, there will be jail term of 3-10 years with Rs 25,000 penalty: State Cabinet Minister Siddharth Nath Singh https://t.co/D6uTXIAHic
— ANI UP (@ANINewsUP) November 24, 2020
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश का समर्थन करते हुए यह अध्यादेश लाया गया है जिसने केवल विवाह के लिए धार्मिक रूपांतरण को अमान्य कर दिया था, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी पहचान छिपाकर और अपने रिश्ते में लड़कियों और महिलाओं को फंसाकर लव जिहाद में लिप्त बदमाशों को चेतावनी दी थी।
‘लव जिहाद’ को काल्पनिक और मुस्लिमो के विरुद्ध के एक साज़िश बताकर एक प्रचार अभियान चालने की कोशिश वामी मीडिया और लिबरल गैंग द्वारा की जा चुकी है लेकिन आश्चर्यजनक बात है कि यह लोग इस बात को छुपाते है कि यह शब्द केरल से आया है जहाँ कभी भी दक्षिणपंथी भाजपा सत्ता में आई ही नहीं बलि वहां तो कांग्रेस या कम्युनिस्ट पार्टियों की सरकार ही रही है तो ऐसे में राष्ट्रवादी हिन्दू समाज को इस षड़यंत्र को समझने की ज़रुरत है और हमारी बहन-बेटियों को अपनी सुरक्षा के लिए सतर्क रहने की ज़रुरत है।