- मनोज त्रिवेदी
पठान फिल्म के गाने “बेशर्म रंग” को लेकर विवाद छिड़ा है। विवाद के कारण दो हैं, कुछ लोग इस गाने को अश्लील कह कर विरोध कर रहे है और कुछ लोग इस गाने में दीपिका की बिकनी के रंग (जो भगवा है) को लेकर…
जहां तक अश्लीलता का प्रश्न है,, मेरा ये मानना है कि ये गाना अश्लील है। मुझे दीपिका के बिकनी पहनने से आपत्ति नहीं है। (वो तो दीपिका अपने कैरियर की शुरुआत से पहन रही है) बिकनी पहनने से अश्लीलता नहीं आती है। इस गाने मे दीपिका के मूवमेंट/स्टेप अश्लील हैं ( इनको सग्जेस्टिव कहा जाता है) और ये मूवमेंट ही इस गाने को अश्लील बनाते हैं। खैर अश्लीलता तो और भी फिल्मों में है, भोजपुरी फिल्मों में, एकता कपूर की फिल्मों में… जिसे देखना हो देखे और जिसे ना देखना हो ना देखे।
दूसरी आपत्ति दीपिका के भगवा रंग की बिकनी पहनने से है। वैसे ये आपत्ति भी नहीं होती अगर इस गाने की टाइटिल “बेशर्म रंग….” ना होती। ऐसा करके फिल्म निर्माताओं ने भगवा रंग और एक तरह से हिन्दू धर्म का अपमान किया है।चूंकि ये फिल्म शाहरुख खान की है इसलिए ये भी माना जा सकता है कि “ये जानबूझ कर के की गई शरारत है..” और बॉलीवुड और इन खानों के एंटी हिन्दू, जिहाड़ी अजेंडे का एक हिस्सा है। इसीलिए इस गाने का #विरोध_जरूरी_है….
अमिताभ बच्चन साहब और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
निर्माता जब तक इस गाने में बिकनी के, रंग को ना बदल दे (जो संभव है) विरोध के जरिए इस फिल्म को रिलीज ना होने दिया जाए। ध्यान रहे कि मैं फिल्म को बायकाट करने की बात नहीं कर रहा क्यों की वो एक अलग मुद्दा है और वो तो इतना करने के बाद भी किया जाएगा।
इस फिल्म का इसी आधार पर पुरजोर विरोध कीजिए ताकि फिल्म निर्माता और सेंसर बोर्ड मजबूर हो जाए। अगर कोई इसके लिए आप को असहिष्णु कहे तो बोलिए कि “हां मैं हूँ..” और अगर जरूरत पड़े तो उसको अपनी असहिष्णुता और intolerance का सबूत देने में भी ना हिचके।