-
हर्षल खैरनार
नरेंद्र मोदी जन्मदिम विशेष :चारों तरफ निराशा का माहौल, देश की जनता अकर्मण्य, भ्रष्ट, संवेदनहीन, स्वार्थी, धूर्त, राष्ट्र, जनता की बजाय केवल स्वयं का और अपने परिचितों का विकास करने वाले नेताओं, पार्टियों के अत्याचारों, भ्रष्टाचार के नए नए रिकॉर्ड बनाने वाले नेताओं से त्रस्त हो चुकी थी।
ना देश में सड़कों का जाल था, ना गाँवों में बिजली थी, ना देश के पास अत्याधुनिक हथियार थे, ना विश्व में भारत की कोई साख थी, देश के किसी भी शहर में आतंकवादी जब चाहें जहाँ चाहें, जितने चाहें उतने धमाके कर जाते थे, देश की मासूम और निर्दोष जनता को असमय ही काल कवलित कर जाते थे।
लेकिन सत्ता के नशे में चूर नेताओं के कानों पर जूँ नहीं रेंगती थी क्योंकि वो तो हमेशा सुरक्षा घेरे में ही चलते थे। कश्मीर में आए दिन आतंकी हमले पत्थरबाज़ियाँ होती ही रहती थीं, लेकिन सुरक्षा बलों को हिदायत थी कि वो कोई सख़्त कदम नहीं उठाएंगे, देश ने देखा है कि कैसे देश के जाँबाज़ सैनिकों को छोटे बच्चे तक राह चलते मारते थे और वो चुपचाप उस मार और अपमान को सहन करते थे।
सारा देश और सारा विश्व जानता था कि भारत में हो रहे इन आतंकी हमलों के पीछे कौन लोग हैं और वो ना केवल बाहरी थे बल्कि देश के भीतर, सिस्टम के भीतर तक उनके समर्थक, उनके हितैषी बैठे हुए थे और तब की सरकारें केवल पाकिस्तान से बातचीत के जरिये समस्या का तथाकथित हल ढूंढने का दिखावा करती थीं और इन आतंकियों के समर्थक तो इन पार्टियों के वोटबैंक हुआ करते थे, आज भी हैं।
बॉलीवुड का नशा और वेदांत की शिक्षा …
तब आतंकियों के लिये आँसू बहाये जाते थे, उन्हें भटका हुआ नौजवान बताया जाता था, भारत का प्रधानमंत्री मात्र एक रबर स्टैम्प होकर रह गया था, फैसले कौन लेता था सबको पता है।
तब एक और बड़ा अजीब सा रिवाज था कि रेलमंत्री जिस प्रदेश का होगा वो केवल अपने प्रदेश के लिये कुछ अतिरिक्त रेल सुविधाएँ देता था, देश के बाकी राज्यों के लिये नहीं और वो भी सुविधा नहीं थी केवल अपनी सत्ता बनाये रखने की नौटंकी भर थी।
लेकिन समय बदला …. इस घोर निराशा, अनगिनत समस्याओं, स्वार्थ और सत्तालोलुप नेताओं के अंधकार में डूबे राष्ट्र को एक #नायक मिला, उस नायक ने मई 2014 में चुनाव जीतने के बाद जब अपना पहला भाषण दिया था तब उसने कहा था कि “मैं परिश्रम की पराकाष्ठा को पार करके दिखाऊँगा और अपना रिपोर्ट कार्ड 2019 में इस संसद और देश की जनता के सामने रखूँगा”
उस नायक ने ऐसा किया भी, उसने निराशा के गर्त में डूबे राष्ट्र को आशा और उम्मीद की एक किरण दिखाई, उसने वर्षों से चली आ रही कई सड़ी गली व्यवस्थाओं, परम्पराओं को बदलकर रख दिया, उसने दम तोड़ते राष्ट्र में जैसे प्रणाम फूँक दिये।
लेकिन अव्यवस्थाओं, समस्याओं का इतना विशाल पर्वत उसके सामने खड़ा था कि उनका सिरा पकड़ते, कुछ समस्याओं का अंत करते करते ही 2019 आ गया, विपक्ष ने उस पर कीचड़ उछालने, उसे नीचा दिखाने के चक्कर में जानें कितनी ही बार राष्ट्र पर कीचड़ उछाल दिया, राष्ट्र को नीचे गिरा दिया, आज भी गिरा ही रहे हैं क्योंकि राष्ट्र इन लोगों के लिए यूँ भी कभी कुछ था ही नहीं।
लेकिन देश की जनता जान चुकी थी कि नायक भले उतनी सफलता अभी नहीं पा सका है लेकिन इसकी निष्ठा एकदम निश्छल है, ये नायक देश और हमारे लिये समर्पित है। विपक्ष की तमाम कुटिल चालों के बावजूद वर्ष 2019 में देश की जनता ने एक बार फिर से अपने नायक पर विश्वास किया और इस बार पहले से भी ज़्यादा सीटें देकर दुबारा सत्ता के शीर्ष पर बिठा दिया।
सत्ता में दुबारा वापसी के कुछ ही महीनों में नायक ने अपने सबसे बड़े वादे को पूरा कर दिखाया उसने कश्मीर से धारा 370 और 35A को हटाने का एक बड़ा काम कर दिखाया। वो अपने काम की रफ़्तार और तेज़ करता कि तभी 2020 में ना केवल भारत बल्कि पूरा विश्व एक बड़ी महामारी की चपेट में आ गया।
देश की जनता की चिंता करते हुए नायक ने दो महीने तक देश की जनता को घरों में कैद करके रख दिया, इस दौरान उसे बेहिसाब गालियों, आलोचनाओं का सामना करना पड़ा परंतु उसने अपना स्तर इतना ऊँचा कर लिया है कि उसे इन सबसे कोई अंतर ही नहीं पड़ता है।
एक बार फिर देश की आर्थिक स्थिति थोड़ी डांवाडोल हुई, अनेक आपातकालीन सेवाओं की पूर्ति की गई, देश भर के डॉक्टर, नर्स समेत तमाम योद्धा इस महामारी से दो दो हाथ करने में लगे थे, नायक ने भी स्थिति को काबू में रखा, समय अपनी रफ़्तार से चल रहा था लेकिन 2021 में महामारी ने और भी ज़्यादा विकराल रूप धारण कर लिया।
इस दौर में भी देश के इन स्वार्थ और सत्तालोलुप नेताओं, परिवार, पार्टियों ने नीचता की तमाम हदें पार करते हुए केवल नायक को बदनाम करने के लिये देश की जनता को मौत के मुँह में धकेलने की पुरज़ोर कोशिशें कीं।
लेकिन जब मन साफ और मन में निष्ठा हो तब ईश्वर भी सहायता करते हैं और भारत पर हँसने वाले, भारत की जनता की मौत की इच्छा रखने वाले नेताओं के मुँह पर एक ज़ोरदार तमाचा पड़ा जब भारत के इस नायक ने वैक्सीन निर्माण में हरसंभव प्रयास को बल दिया, वैज्ञानिकों का उत्साहवर्धन किया और देश की इतनी बड़ी जनसंख्या को रिकॉर्ड समय में वैक्सीन वो भी मुफ्त में लगवा दिया।
विश्व के विकसित देश भी जहाँ भारत की एक चौथाई से भी कम जनसंख्या को वैक्सीन नहीं लगवा सके वहाँ देश के इस नायक ने विश्व का सबसे प्रभावी और सबसे विशाल वैक्सीनेशन ड्राइव चलाया और रिकॉर्ड समय में पूरा कर दिखाया।
इस सबसे उबरकर हालात तेजी से सामान्य होने लगे और अर्थव्यवस्था वापस पटरी पर आने लगी। आज भी जहाँ विश्व के बड़े देश रेंगते हुए चल रहे हैं वहीं भारत पूरी रफ़्तार से विश्व की पाँचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में स्वयं को शामिल कर चुका है।
आज विश्व के तमाम देश भारत को सम्मान की दृष्टि से देखते हैं, विदेशों में रह रहे भारतीयों का सम्मान बढ़ा है, आज भारत अनेक देशों की मदद कर रहा है, विश्व पटल पर भारत की बात को ध्यान से ना केवल सुना जाता है बल्कि उस पर अमल भी किया जाता है। आज भारत के विदेशमंत्री जिस अंदाज़ में विकसित देशों को उन्हीं के देश और उन्हीं की मीडिया के सामने आईना दिखाते हैं ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था।
जिस दो कौड़ी के पाकिस्तान से ये लालची स्वार्थी नेता बेहतर संबंध बनाये रखने के नाम पर उसे मनमानी करने, भारत में धमाके करने की आज़ादी देते थे, आज उसी पाकिस्तान को इस नायक ने भिखारी बनाकर रख दिया है, पूरे विश्व के सामने पाकिस्तान नंगा हो चुका है, ना उसकी बात सुनी जाती है ना उसे कोई महत्व दिया जाता है।
अभी अभी भारत ने G20 देशों की मेजबानी की है, पूरे विश्व ने देखा कि किस तरह भारत ने अपना लोहा मनवाया है, कैसे भारत के मंदिरों, भारत की परंपराओं, भारतीय खान-पान से उनका परिचय करवाया गया है।
एक समय देश ने वो भी देखा है जब कोई अमेरिकी राष्ट्रपति भारत का दौरा करता था तब भारत के प्रधानमंत्री समेत सारे नेता उनके सामने मिमियाते नज़र आते थे आज अमेरिका के राष्ट्रपति समेत विश्व के तमाम नेता भारत के प्रधानमंत्री से आगे बढ़कर हाथ मिलाते हैं, कुछ तो उनके पैर भी छूते हैं।
आज भारत के इस नायक ने सनातन धर्म के लिये भी इतने काम कर दिखाए हैं, अपने सनातनी होने का जैसा दम दिखाया है वैसा पहले कभी कोई सोच भी नहीं पाता था करना तो दूर की बात है।
मंदिर वहीं बनाएंगे लेकिन तारीख़ नहीं बताएँगे का ताना देने वाले लोग ये भूल जाते हैं कि मंदिर नहीं बनाने देने का षड्यंत्र भी उन्हीं का था और वो तो राम को काल्पनिक बताने में जुटे थे जो आज खुद मंदिर मंदिर घूम रहे हैं छलावा कर रहे हैं।
अब ना केवल भव्य राम मंदिर बन रहा है बल्कि उसके भव्य उद्घाटन की तारीख़ भी तय कर दी गई है और तारीख़ है “22 जनवरी 2024” राम को काल्पनिक बताने वाले ही आज अप्रासंगिक होकर रह गए हैं।
अब रामजी ने ही विपक्षी नेताओं की मति भ्रष्ट कर दी है इसीलिए अब ये लोग सनातन को नीचा दिखाने, गालियाँ देने, अपमानित करने में जुटे हैं और टीवी चैनलों पर जनता के सामने और फ़जीहत ना हो इसके लिये कुछ पत्रकारों की टीवी डिबेट से घबराकर भाग गए हैं।
देश की जनता सब देख और समझ रही है, ठगबंधन में बैठे स्वार्थ और सत्ता लोलुप नेताओं की नीयत, भाषा, उनकी बॉडी लैंग्वेज देख रही है।
आज उस नायक का जन्मदिन है जिसने देश में इतना बड़ा स्वच्छता अभियान चलाया कि देश तो साफ हुआ ही साथ में इन घटिया नेताओं का कचरा भी उसने एक किनारे पर लगा दिया है। जनता के सामने दो विकल्प अब स्पष्ट हैं कि उसे क्या चुनना है। ये तमाम नेता भले ज़मीन से कटे हों लेकिन देश की जनता को पता है कि कौन असल में उनका हितैषी है और कौन हितैषी होने का दिखावा कर रहा है।
2019 से भी बड़ा इतिहास 2024 में रचा जायेगा और भारत का तिरंगा और भगवा पूरी दुनिया में लहराएगा।