नवजोत सिंह सिद्धू

नवजोत सिंह सिद्धू : पतन की पराकाष्ठा

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  • एस.ओम प्रकाश

अरुण जेटली बहुत बड़े नेता थे, सही है लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू के साथ अकालियों के कारण हुआ व्यवहार भी सही नहीं था लेकिन क्षुब्ध होकर सिद्धू ने जो किया वह तो सारी सीमाएँ ही लाँघ गया है।

यदि इमरान इसका बड़ा भाई है तो फिर हाफिज सईद क्या है ? ऐसा लगता है जैसे वह पंजाब प्रदेश अध्यक्ष न होकर पाकिस्तान प्रदेश अध्यक्ष हो !


मोदी-योगी की फोटो देख मन में जिज्ञासा तो होगी ही !

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माता-पिता से मतभेद या नाराज हो जाने पर बच्चा घर छोड़कर चला जाता है लेकिन माता-पिता को गालियाँ देनेवाले और इन पर हाथ उठानेवाले के चरण जाकर नहीं छूता लेकिन सिद्धू यही कर रहा है ! यह पतन की पराकाष्ठा है !

सच में, अच्छा खेलना या अच्छा बोलना या या अच्छा अभिनय करना आदि एक कौशल हैं और इस कौशल का व्यक्ति के विवेक और शुचिता से कोई लेनादेना नहीं होता ! पर लोग प्रायः ऐसा ही समझ लेते हैं !

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