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जीतेन्द्र सिंह
आज आम आदमी पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि उन्होंने जो 1000 बसों के खरीदने का टेंडर निकाला था उसे बाद में रद्द कर दिया गया तो घोटाले का कोई सवाल है ही नहीं।
अब आप जरा सच्चाई जानिए……
टेंडर निकाला गया एक खास कंपनी की बस खरीदने की पूरी डील हो चुकी थी गलत तरीके से बैठकर करके फाइल तैयार करके टाटा अशोका लीलैंड जैसी बड़ी कंपनियों को बाहर करके एक गुमनाम सी कंपनी जेबीएल को टेंडर दे दिया गया।
जब कई IAS लोगों ने दिल्ली ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन का चेयरमैन बनने से इसलिए इनकार कर दिया क्योंकि जब उन्हें पता चला कि उन्हें क्या गलत काम करना है तब अरविंद केजरीवाल ने अपने ही परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को डीटीसी का चेयरमैन भी बना दिया।
यहां तक कि थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन भी फर्जी रूप से करवा ली गई थी फिर एक आईएएस अधिकारी खुद को इस प्रक्रिया से अलग होने का चिट्ठी जब राज्यपाल को लिखा तब एक जागरूक नागरिक का ध्यान इस तरफ गया कि आखिर यह आईएएस अधिकारी क्यों इस खरीद प्रक्रिया से बाहर जा रहा है।
उसके बाद जब आरटीआई से दस्तावेज मांगे गए तब दिल्ली की सरकार ने उसे गोपनीय दस्तावेज बता कर देने से इनकार कर दिया।
जो लोग देश की सफलता पर खुश नहीं होते
फिर जब उपराज्यपाल के पास शिकायत गई तब उपराज्यपाल ने जब पूरी फाइल मांगी जब अगले दिन अरविंद केजरीवाल ने उस पूरी खरीद प्रक्रिया को रद्द कर दिया।
लेकिन यदि कोई चोर चोरी करने के इरादे से घुसे और चोरी करने में सफल ना हो तो भी वह दोषी माना जाएगा यदि कोई बलात्कारी बलात्कार करने की कोशिश करें और सफल ना हो तो भी वह अपराधी माना जाएगा।
अरविंद केजरीवाल जी सारे दस्तावेज सारे फाइल हैं जो पूरी तरह से बता रहे थे कि आपने इस खरीद में 380 करोड़ लूट का इंतजाम किया था लेकिन जब पोल खुल गई तब आपने खरीद प्रक्रिया पर रोक लगा दिया
लेकिन आपके रोक लगाने से आप इस अपराध से नहीं बच सकते कि आपने भ्रष्टाचार करने का पूरा जाल बिछा लिया था लेकिन कुछ जागरूक लोगों की वजह से आप सफल नहीं हो सके।