हरियाणा के गुरुग्राम में मंगलवार को मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यानी अब हरियाणा के गुरुग्राम में मंगलवार को मांस की बिक्री नहीं होगी। मांस की बिक्री ना होने से मास व्यापारियों को परेशानी होनी चाहिए। लेकिन यहां तो परेशानी “क्या दोबारा हो सकता है प्यार” सहित 9 किताबों के लेखक रविंदर सिंह को हो रही है। आखिर इन्हें परेशानी क्यों हो रही है इसका जवाब वही दे सकते हैं।
गुरुग्राम नगर निगम ने गुरुग्राम के इलाके में मंगलवार को मांस बेचने पर प्रतिबंध लगाया तो नगर निगम गुरुग्राम के एक न्यूज़ लिंक को रीट्वीट करते हुए लेखक रविंदर सिंह ने अटपटा सवाल किया है। दरअसल उन्होंने रीट्वीट करते हुए लिखा है कि
क्या यह प्रतिबंध ‘हिंदू तालिबान का निर्माण’ है? “अब आप मंगलवार को गुड़गाँव में मांस नहीं बेच सकते। कारण- क्योंकि इससे धार्मिक भावनाएँ आहत होती हैं। हिंदू तालिबान का निर्माण?”
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अगर रविन्द्र सिंह को तालिबानियों से इतनी ही मोहब्बत है तो वह तालिबान क्यों नहीं चले जाते हैं। हिंदुस्तान में क्यों तालिबान बनाना चाहते हैं। रविंद्र सिंह ने ना सिर्फ भारत बल्कि हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों की भावनाओं को भी आहत करने का काम किया है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों में फैले कट्टर वैसे तालिबान की तुलना लेखक रविंदर ने गुरुग्राम में मंगलवार को मास बिक्री पर प्रतिबंध क्या लग गया उससे कर दी।
रविंदर सिंह जैसे लेखक हों या और कोई इनके जैसे लोगों ने आज तक ना तो खुलकर पाकिस्तानी आतंकी ना ही तालिबान के आतंकियों पर कुछ बोला है यह उनकी गलतियों पर भी कुछ नहीं बोलते लेकिन जब हिंदुस्तान में कुछ सही होता है तो यह अपनी टांग बीच में और ना ही देते हैं। ना जाने इन्हें क्या मिलता है?
लेखक रविंदर सिंह साहिब पाकिस्तान की न्यूज़ नहीं पढ़ते उन्हें या नहीं दिखाई देता कि आए दिन पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों के साथ कितना बुरा बर्ताव किया जाता है आए दिन पाकिस्तान में हिंदू नाबालिक लड़कियों का सरेआम रेप कर दिया जाता है, जबरदस्ती उनका धर्म परिवर्तन कर दिया जाता है ऐसी खबरें लेखक रविंदर सिंह को नहीं दिखती।