छठ महापर्व 2023 आज, 20 नवंबर, 2023 को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हुआ। यह पर्व चार दिनों तक चलता है और इस दौरान व्रती सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करते हैं।
छठ महापर्व की शुरुआत 17 नवंबर को नहाय खाय से हुई थी। इस दिन व्रती स्नान करके साफ-सुथरे कपड़े पहनते हैं और मीठा भोजन करते हैं। इसके बाद, 18 नवंबर को खरना के दिन व्रती केवल एक बार ही मीठा भोजन करते हैं।
19 नवंबर को छठ महापर्व का सबसे महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन व्रती डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इस दिन अर्घ्य देने के लिए व्रती विशेष प्रकार के प्रसाद को सजाते हैं। प्रसाद में फल, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि शामिल होते हैं।
20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ महापर्व का समापन होता है। इस दिन व्रती फिर से नदी या तालाब में जाते हैं और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इसके बाद, व्रती पारण करते हैं और मीठा भोजन करते हैं।
छठ महापर्व बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और नेपाल आदि राज्यों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व में महिलाएं मुख्य रूप से शामिल होती हैं।
छठ महापर्व का महत्व
छठ महापर्व सूर्य देव और छठी मैया की पूजा का पर्व है। इस पर्व में सूर्य देव को जीवन का दाता माना जाता है। छठी मैया को संतान की देवी माना जाता है। इस पर्व में व्रती सूर्य देव और छठी मैया से अपने परिवार की सुख-समृद्धि और दीर्घायु की कामना करते हैं।
छठ महापर्व सामाजिक समरसता का भी प्रतीक है। इस पर्व में सभी जाति और धर्म के लोग एक साथ मिलकर पूजा करते हैं।