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पंडित कल्लूराम मार्क्सवादी
थक गया हूं भाई सुन सुन के कि हिंदू सड़क पर क्यों नहीं उतरता है। हिंदू कायर है, हिंदू अदरक है हिंदू लहसुन है।
अरे भाई हिंदुओं के “street might” नहीं है इसीलिए मोतीजी को वोट दिया ना! यह कौन सी बात हुई की “अब मोदी जी लाठी चलाएं क्या?”
अरे भाई लाठी नही चला सकते इसीलिए तो ३०३ का आंकड़ा दिया ना! लाठी भी हम चलाएं तो गृह मंत्रालय घुईंया छीलेगा क्या?
10-10 घंटा खट के आपके सोशलिस्ट मॉडल के लिए धड़ल्ले से टैक्स भी भरें और आपके ही IT सेल की ऐसी बेवकूफाना बातें भी सुने अब?
अब अनपढ़ गुंडे भारत का इतिहास लिखेंगे ?
जो विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के नाम पर सड़क पर उतरने वाले लोग थे उनको आपने डायल्यूट कर के घर बैठा रखा है। PFI जैसे संगठनों पर प्रतिबंध आपसे लगता नहीं है। मौलाना साद नाक के नीचे से निकल लेता है। ना आप हिंदुओं की “street might” बढ़ने देते हैं, ना औरंगजेब की औलादों की कम कर पाते हैं।
अरे नहीं होता है तो साफ साफ कह दीजिए कि हमारे बस का नहीं है! IT सेल वालों से अपने ही समाज को कायर और डरपोक कहलवाने से अच्छा है साफ साफ यह कह दो कि अपनी राह स्वयं देख लो, इतने प्रेशर में हमसे नहीं होगा। कम से आगे “आत्मनिर्भर” होने की तैयारी तो करेंगे हम!