राकेश टिकैट को तो आप सब जानते ही होंगे। पिछले करीब 1 साल से ही राकेश टिकैटन्यूज़ चैनलों से लेकर अखबारों की हेडलाइन बने हुए हैं। कारण सिर्फ और सिर्फ किसान आंदोलन। जिस तरह से किसान आंदोलन ने राकेश टिकैत की छवि को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है, वह कहीं ना कहीं राकेश टिकैत के हित में ही रही है।
आए दिन राकेश टिकैत किसानों की बातें और किसान बिल को रद्द करने की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते रहते हैं। उनके इस कदम को राष्ट्रीय मीडिया अपने प्राइम टाइम से लेकर अखबारों की मुख्य पृष्ठ पर जगह देते हैं।
इससे कहीं ना कहीं राकेश टिकैत कि जो आंदोलन के प्रति सोच है वह कहीं ना कहीं मजबूत हुई है। इससे उनको थोड़ा बल मिला कि आंदोलन और भी लंबा किया जा सकता है। शायद इसीलिए किसान आंदोलन को बेवजह राकेश टिकैत अभी तक खींचते चले आए हैं क्योंकि उन्हें मीडिया का पूरा साथ मिल रहा है। राकेश टिकैट ने 2 महीने पहले ही कह दिया था कि अगर कृषि कानूनों को सरकार अगर वापस नहीं करती तो यह आंदोलन ग्रह युद्ध का रूप ले सकता है।
कैसे चमक गए राकेश टिकैत ?
नए कृषि कानूनों में सुधार और नए कृषि कानून बिल को लेकर नवंबर 2020 से ही किसान आंदोलन कर रहे हैं। और नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उस वक्त राकेश टिकैत किसान आंदोलन के छोटे नेता कह जा रहे थे। उस वक्त कहा जा रहा था कि आंदोलन में राकेश टिकैत की भूमिका बहुत सीमित है। यहां तक उन्हें बिकाऊ तक भी कहा गया। इतना ही नहीं कुछ लोगों का यह भी मानना था कि किसान आंदोलन में राकेश टिकैत के शामिल होने से किसान आंदोलन को नुकसान होगा। लेकिन इन सब के इतर तस्वीर एकदम पलट गई और देखते ही देखते राकेश टिकैत किसानों के चहेते नेता बन गए। और राष्ट्रीय स्तर पर जाने जाने लगे।
कड़ाके की ठंड में राकेश टिकैत ने कई रातें आसमानों के नीचे ही गुजारी जिससे उनकी छवि धूमिल होने के बजाय और भी गहरी होती चली गई। वह किसानों के दिलों में अपनी जगह बनाते चले गए। जनवरी 2021 में गाजीपुरबॉर्डर में पुलिस और कुछ किसान नेताओं के बीच बहस हुई थी जिसमें पुलिस वालों को मजबूरन किसानों पर डंडे चलाने पड़े थे। जिसके बाद राकेश टिकैत का रोते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब धड़ल्ले से वायरल हुआ था वहां से भी तस्वीर बदली और देखते ही देखते राकेश टिकैट छा गए।
किसान महापंचायत चढ़ गई हुड़दंगियों की भेंट !
टीवी मीडिया राकेश टिकैट को क्यों प्राथमिकता दे रहा है ?
पिछले 1 साल से आए दिन राकेश टिकैत राष्ट्रीय न्यूज़ चैनलों में छाए हुए हैं। हफ्ते में एक न एक दिन राकेश टिकैत से संबंधित या तो डिबेट या फिर उनका पूरा का पूरा वीडियोपैकेज के रूप में टेलीविजन चैनलों में दिखाया ही जाता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर टीवी मीडिया राकेश टिकैत को इतनी प्राथमिकता क्यों दे रहा है? इसका एक जवाब में हो हो सकता है कि कुछ टीवी न्यूज़ चैनलों का प्रोपेगेंडा है कि वह इसी मुद्दे पर डिबेट करवाकर, पैकेज चलवा कर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं और किसानों को नए कृषि कानूनों के खिलाफ भड़काने का काम कर रहे हैं।
क्योंकि नए कृषि कानूनों से किसी भी तरह से किसानों को घाटा होते नहीं दिख रहा है लेकिन कुछ न्यूज़ चैनल इसे प्रोपेगेंडा के तहत प्रसारित करके किसानों के खिलाफ बताने का काम कर रहे हैं जिससे किसान भ्रमित हो रहा हैं। खैर जो भी हो इन सब में फायदा सीधा-सीधा राकेश टिकैत को ही हो रहा है। क्योंकि जितनी बार टेलीविजन पर न्यूज़ चलेगी उतने ही बार राकेश टिकैत की फोटो वीडियो दिखाया जाएगा जिससे उनकी पॉपलरट्री बढ़ेगी बढ़ेगी क्या अब तो वह राष्ट्रीय स्तर के नेता भी बन चुके हैं।