महाराष्ट्र: अर्नब गोस्वामी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में, कोर्ट ने कहा- हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत नहीं

ट्रेंडिंग
Spread the love

मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को 14 दिन की पुलिस हिरासत में रखने के लिए मुंबई की अदालत में याचिका दायर की थी जिसे अदालत ने खारिज कर दिया है।पुलिस ने गोस्वामी की 14 दिन की हिरासत का अनुरोध किया था, लेकिन अदालत ने कहा कि हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत नहीं है। अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि चिकित्सकीय जांच के लिए गोस्वामी को बुधवार रात एक सरकारी अस्पताल ले जाया गया।

मुंबई पुलिस ने अर्णब गोस्वामी को बीते दिन एक पुराने ‘बंद मामले’ में गिरफ्तार किया था। बुधवार की सुबह पुलिसकर्मियों के एक बड़े समूह जिनके पास एके 47 जैसे हथियार तक मौजूद थे, उन्होंने अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार किया था। शुरुआत में अदालत के भीतर पेशी के दौरान, अदालत ने उनके मेडिकल परीक्षण का आदेश दिया क्योंकि पुलिस ने अर्णब गोस्वामी के साथ हिंसा भी की थी। मेडिकल परीक्षण के बाद अर्नब को शाम 4:45 बजे के आस-पास दोबारा अदालत में पेश किया गया था जिसमें 14 दिन की न्यायिक हिरासत की माँग की गई थी।

बागपत: हनुमान चालीसा पढ़ने की इजाजत देने वाले मौलाना पर गिरी गाज,हिन्दू करेंगे पंचायत

मुंबई पुलिस ने अर्नब गोस्वामी को साल 2018 के एक बंद मामले में गिरफ्तार किया गया था जिसमें उनके विरुद्ध कोई सबूत नहीं मिला था। इस मामले में साल 2018 के दौरान अन्वय नायक नाम के व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली थी, उसने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि कि अर्नब गोस्वामी समेत कुल दो लोगों के पास कुछ रूपए मौजूद हैं और वह वापस करने से इनकार कर रहे हैं। इसकी वजह से उन्हें आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है इसलिए वह आत्महत्या कर रहे हैं। रिपब्लिक ने इस तरह के तमाम आरोपों को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उन्होंने अनुबंध के मुताबिक़ सारे भुगतान कर दिए थे।

गोस्वामी ने मामले में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द किए जाने का अनुरोध करते हुए दो नवंबर को बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया था। इस पर न्यायमूर्ती एसएस शिंदे और न्यायमूर्ती एमएस कर्णिक की एक खंडपीठ गुरुवार को सुनवाई करेगी।इसके अलावा, मुंबई उच्च न्यायालय रिपब्लिक टीवी की मुंबई पुलिस के विरुद्ध दायर की गई याचिका पर भी सुनवाई करेगी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि पुलिस ने इंडिया टुडे समूह का बचाव करते हुए उन्हें टीआरपी से छेड़छाड़ का आरोपित बताया है। जबकि इंडिया टुडे का नाम इस मामले में प्राथमिक रूप से दर्ज था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *