दिल्ली में लाठीचार्ज : हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण है, इसलिए हमें ट्रैक्टर परेड निकालने दो। यही शब्द थे और यही सुन कर आज एक विशेष दिन

खालिस्तानी हुड़दंगियो ने किसानो का मुखौटा उतार कर फेंका , दिल्ली में लाठीचार्ज

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दिल्ली में लाठीचार्ज : हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण है, इसलिए हमें ट्रैक्टर परेड निकालने दो। यही शब्द थे और यही सुन कर आज एक विशेष दिन पर उनको रैली निकालने के लिए हरी झंडी दे दी गई और हो क्या रहा है पूरा देश देख रहा,एक तरफ झांकिया दिखाई जा रही चैनलो पर तो दूसरी तरफ इन खालिस्तानियों की दादागिरी जो तलवार लेकर पुलिस पर पड़ते दिखाई दे रहे है बदले में पुलिस को भी लाठीचार्ज करना पड़ा है। जिसका डर था वही हुआ।

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समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, प्रदर्शनकारी किसानों ने दिल्ली हरियाणा बॉर्डर पर पुलिस बैरिकेडिंग तोड़ दी है। एजेंसी ने इस जानकारी के साथ एक वीडियो भी जारी की है। वीडियो में देख सकते हैं कि भारी तादाद में किसान बैरीकेडिंग के पार खड़े होते हैं, फिर धीरे धीरे उस पर चढ़ना शुरू कर देते हैं और देखते ही देखते यह भीड़ बैरिकेड्स को तोड़ कर आगे की ओर भागते हैं।

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अब होगा ये कि किसान आन्दोलन के नाम पर देश की चुनी हुई लोकतांत्रिक सरकार को ब्लैकमेल करने का नंगा नाच लोकतंत्र बचाने के नाम पर होगा जहां जनता के बीच अस्वीकार किये जा चुके लोग स्वयं को समाज में बदनाम कराने पर तुली कौमों का उपयोग करके अपने तानाशाही को लोकतन्त्र का नाम देंगे।
यह भी सम्भव है की विपक्ष को जो 20-30 लाशें अपने राजनिती को पुनर्जीवित करने के लिये चाहिए वह मिल जाय पर वह कौमें जो इस तानाशाही आन्दोलन के द्वारा देश के लोकशाही के प्रतीक संसद को नीचा दिखाने का काम कर रही है, उन्हें समाज मे फिर वह इज्जत मिल जाय, कहना मुश्किल है।

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