अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय शताब्दी को संबोधित करेंगे पीएम मोदी, लेफ्ट-इस्लामिक गैंग में खलबली

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के शताब्दी समारोह को संबोधित करेंगे और कार्यक्रम के दौरान एक डाक टिकट भी जारी करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने रविवार को एक बयान में इस बारे में घोषणा करी है।

प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुबह 11 बजे इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। वह बाद में इस कार्यक्रम के दौरान एक डाक टिकट जारी करेंगे जिसमें विश्वविद्यालय के चांसलर सैयदना मुफदालल सैफुद्दीन और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद रहेंगे।

एएमयू 1920 में एक विश्वविद्यालय बन गया, जो भारतीय विधान परिषद के एक अधिनियम के माध्यम से मोहम्मडन एंग्लो-ओरिएंटल (एमएओ) कॉलेज को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देकर बढ़ा दिया गया। एमएओ कॉलेज की स्थापना 1877 में सैयद अहमद खान ने की थी।

क्यों है लेफ्ट-इस्लामिक गैंग में खलबली ?

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का एक परिसर है जो उत्तर प्रदेश के शहर अलीगढ़ में 467.6 हेक्टेयर भूमि में फैला है। मलप्पुरम (केरल), मुर्शिदाबाद-जंगीपुर (पश्चिम बंगाल) और किशनगंज (बिहार) में इसके तीन ऑफ-कैंपस सेंटर भी हैं। अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से ही पाकिस्तान की सोच उपजी है और इसके फाउंडर सैयद अहमद खान ने हिन्दू से नफरत करने वाली काफिर (गैर-मुस्लिम) के वाजिब क़त्ल वाली इस्लामिक सोच का बीज यहीं डाला है जिसके चलते आज पाकिस्तान बन गया है जहाँ हिन्दू नाम मात्र के रह गए हैं।

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इसके अलावा पीएम मोदी के आ जाने से देश और सनातन धर्म विरोधी लेफ्ट-इस्लामिक गैंग में खलबली मच गई है और क्योंकि  मोदी का विरोध नहीं हो रहा है यह इनसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है। 50 सालों के बाद कोई प्रधानमंत्री यूनिवर्सिटी के समारोह कार्यक्रम में जा रहा है फिर भी ख़ुशी जताने के बजाए ये लोग हताश है क्योंकि इनके अजेंडे के तहत मोदी एक तानाशाह है जो मुस्लिमों पर अत्याचार करता है जो वास्तव में साफ़ तौर पर झूठ है क्योंकि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में 140 करोड़ से इंस्टीट्यूट ऑफ वोमेन बनेगा जो मुख्य तौर पर मुस्लिम छात्राओं के लिए होगा जो अपने लिए अभी तक एक अलग लाइब्रेरी नहीं पा पाई है।

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