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प्रमोद शुक्ल
फिलहाल तो अब तक किसी ने भी मोदी जी पर ऐसा कोई आरोप नहीं लगाया है कि उनके इशारे पर या उनके उकसाने पर इजराइल के प्रतिनिधि गिलाद अर्दन ने यूनाइटेड नेशंस जैसी संस्था के मंच से सार्वजनिक रूप से उसकी औकात उजागर कर दी है।
पर उम्मीद है कि जल्दी ही तुर्की, पाकिस्तान, चीन और उत्तर कोरिया जैसे देशों की रुदालियां यह रुदन राग शुरू करेंगी। आपको तो याद ही होगा कि पिछले दिनों मोदी जी ने अत्यंत महत्वपूर्ण समझे जाने वाले इस संगठन के लिए कौन-कौन सी महत्वपूर्ण बातें कही थीं।
पहले हमें पाकिस्तान ने हराया और अब न्यूजीलैंड ने हराकर हमारे जख्मों पर नमक छिड़का
उससे जोड़कर इस घटना को देखेंगे तो बहुत आसानी से समझ जाएंगे कि मोदी जी की बात का कितना गहरा असर हुआ है।
फिलहाल….इजराइल के राजदूत गिलाद अर्दन ने यूएन के वार्षिक मानवाधिकार रिपोर्ट को भरी सभा में फाड़ कर फेंक दिया। जो कहा वह शब्द भले ही संसदीय रहे हों परंतु उसका आशय कुल मिलाकर यही था कि इसकी बत्ती बना कर।