भारत के युवा सेना में जाने के इच्छुक नहीं हैं। इसके कई कारण हैं। सेना में भर्ती की प्रक्रिया कठिन और समय लेने वाली है। सेना में भर्ती होने के लिए उम्मीदवारों को शारीरिक और मानसिक रूप से फिट होना चाहिए। उन्हें कई परीक्षाओं और साक्षात्कारों से गुजरना पड़ता है। यह प्रक्रिया कई महीनों तक चल सकती है।
सेना में सेवा के दौरान कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। सेना में सेवा के दौरान सैनिकों को अक्सर कठोर परिस्थितियों में काम करना पड़ता है। उन्हें लंबे समय तक दूर रहना पड़ता है। उन्हें अपने परिवार और दोस्तों से दूर रहना पड़ता है।
सेना में सेवा के बाद नौकरी की संभावनाएं सीमित हैं। सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद सैनिकों को अक्सर नौकरी खोजने में कठिनाई होती है। उन्हें अक्सर कम वेतन वाली नौकरियों में काम करना पड़ता है।
इन कारणों के अलावा, कुछ युवाओं को सेना में जाने का विरोध भी है। वे मानते हैं कि सेना एक हिंसक संस्था है और इसमें शामिल होना सही नहीं है। वे मानते हैं कि सेना में सेवा करने से व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
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हाल के वर्षों में, भारत सरकार ने सेना में युवाओं को आकर्षित करने के लिए कई प्रयास किए हैं। सरकार ने सेना में भर्ती की प्रक्रिया को सरल बनाने की कोशिश की है। सरकार ने सेना में सेवा के बाद नौकरी की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए भी कई योजनाएं शुरू की हैं। हालांकि, इन प्रयासों से अभी तक अपेक्षित परिणाम नहीं मिले हैं।
भारतीय सेना को मजबूत बनाने के लिए यह आवश्यक है कि अधिक से अधिक युवा सेना में भर्ती हों। सरकार को सेना में भर्ती की प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाने और सेना में सेवा के बाद नौकरी की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए और अधिक प्रयास करने चाहिए।